How to Start slipper business--
* Why to start sleeper business?( चप्पल वयवसाय क्यों करें ?)
स्लीपर एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसका प्रयोग लोग घर के अंदर करते है ,
हालाँकि कुछ अच्छी क्वालिटी का
प्रयोग घर के बहार भी करते है |
यह एक ऐसा प्रोडक्ट है , जो हर घर में प्रयोग किया जाता
है ,
क्योंकि इस प्रोडक्ट की डिमांड
ज्यादा है इसलिए बहुत सारी छोटी बड़ी कंपनियां स्लीपर व्यवसाय में है |
अगर आपका मैनेजमेंट और marketing अच्छी है तो आप इस business
में बहुत सारा लाभ कमा सकते है |
1-कौन–कौन सी machinery प्रयोग होगी ? (sleeper making machine?)-
इस व्यापार की जरूरी मशीनों के नाम इस प्रकार से है :
1. manual सोल कटिंग / automatic सोल कटिंग
2. होल मेकिंग मशीन
3. फ़िनीशिंग एंड ग्राइडिंग
4.अलग अलग स्लीपर साइज़ के लिए डाई
5. स्लीपर को कलर करने के लिए
केमिकल और फ्रेम
2-कौन सा raw
material खरीदना होगा ?
स्लीपर बनाने के लिए रबर सीट्स की जरुरत होती है |
रबर सीट्स की कीमत,
क्वालिटी और साइज़ पर निर्भर
करती है |
जिस सीट्स से जितने अधिक pair
निकलेंगे उनकी कीमत उतनी ही
अधिक होगी | आमतोर पर हवाई रबर सीट्स की कीमत 350 रुपे से शुरू हो जाते है
इसके अलावा स्लीपर स्ट्रिप्स 60 रु दर्जन से शुरू हो जाएँगी एव
इसके अलावा पैकिंग की आवश्यकता होगी जो 4 से 8 रु per
नग होगा .
3-स्लीपर मेकिंग
मशीन और raw matreialकास्ट कितना होगा
? / sleeper making machine or raw
material making price .
अगर आप इस वयवसाय में नए है तो आप मैन्युअल मशीन से स्टार्ट
कर सकते है |
मैन्युअल मशीन में आपको पूरी
तरह से मैन पॉवर में निर्भर रहना पड़ेगा |
जब भी मशीन लेने जायें हमेशा
कोशिश करिएँ की डबल डाई की कटिंग मशीन ही ले इससे एक बार में एक जोड़ी चप्पल तैयार
हो जायेगी
IMPORTANT NOTES / महतवपूर्ण सूचना :
जब भी मैन्युअल मशीन लेने जायें हमेशा रबर की सीट
को खुद काटकर देखे की मैन्युअल मशीन रबर काट रही है या नहीं | बहुत सारे manufacturer और trader ऐसी मशीन बेच रहे है जो रबर को अच्छे से काट नहीं पाती इस तरह की मशीन को लेने से
बचे | मैन्युअल मशीन की cost 25000 से 40000 तक पड़ती है
इसमें सोल कटिंग मशीन , ड्रिल मशीन ,
स्ट्रिप मशीन ,
ग्राइंडर और डाई की कीमत
सम्मिलित है
·
अगरव्यापारअच्छेऔरबड़ेस्तरपरकरनाचाहतेहैतोsemi
automaticमशीन / फुल automaticमशीन
अगर आपको फाइनेंस की दिक्कत नहीं है और आप मन पॉवर में न depend
रहकर अधिक उत्पादन करना चाहते
है तो,
आपको semi
automaticमशीन ;लेनी चाहिए
यह बिजली से चलने वाली मशीन होती है और इसकी लागत टन पर depend
करती है जितने अधिक टन की मशीन
लोगेतो कीमत बढती जाएगी
अगर बात करें semi automatic / फुल automatic मशीन की तोह इसकी
कीमत कुल 70000 से लेकर 3 lakh का खर्चा आता है इसमें भी सोल
कटिंग मशीन , ड्रिल मशीन , स्ट्रिप मशीन ,
ग्राइंडर और डाई की कीमत
सम्मिलित है
4-Raw material cost-
अगर
आप इस business में नए है तो मेरा आपसे सुझाव है स्टार्टिंग
मैं 5 से 10
हज़ार तक का ही raw
material लें
| पहले कुछ अनुभव ले मार्किट में डिमांड का पता करें उसके बाद
कोशिश करे की raw
material का
सप्लायर आपके नजदीकी हो इससे आप ट्रांसपोर्ट cost बचा
पायेगे और कम लागत में व्यवसाय कर पाएंगे
5-मशीन और raw material कहाँ से खरीद
सकते है ?
सबसे पहले आप अपने नजदीकी मार्किट में रिसर्च करें आप चाहे और manufacturer आप हमारे Business Guruji youtube channel pr पूरी प्लेलिस्ट देख सकते है
आप उपरोक्त तमाम मशीन , नीचे दिए गये लिंक पर संपर्क करके आसानी से
प्राप्त कर सकते है ,
2-slipper machine seller details--Royal Paper
D-9,Ground floor,Manohar Park
near ashok park main
Metro Station
New delhi--110026
ph no-9999838661,9999838632,
9999838663
www.royalpaperindsutries.com
6-स्लीपर manufacturer process / स्लीपर बनाने की
विधि-
सबसे पहले रबर की सीट को सोल कटिंग मशीन से काटने की आवशयकता होती
है ,
ध्यान रखें आप एक डाई से पूरी सीट
की कटिंग करें | डाई का काम अलग अलग तरीके से सीट को काटना
होता है अगर आप एक ही रबर सीट में बहुत साडी देय का प्रयोग करेंगे तो बहुत सारी
रबर सीट ख़राब हो जाएँगी |
1 अगर मशीन अच्छी क्वालिटी की है तो उसमे
सुराग हो जायंगे स्ट्रिप डालने को ,अन्यथा आपको दूसरी मशीन के
द्वारा होल करने पड़ेंगे और ग्राइंडर मशीन की सहायता से स्लीपर के चारों तरफ से
खुदरे भाग को प्लेन करना होगा
2 आप चाहे स्लीपर को ऐसे भी तैयार कर सकते है
और डिमांड के हिसाब से आप इस और प्रिंट भी कर सकते है और इसमें काफी कम खर्च आता
है
3 इसके बाद आपको ड्रिल मशीन के सहायता से
सुराग को बड़ा करना होगा जिससे इन में आसानी से स्ट्रिप डाली जा सके
4 इसके बाद स्ट्रिप डालने मशीन की सहायता से
स्ट्रिप डाली जाती है और एक बार क्वालिटी करने के बाद इन्हें बॉक्स में पैक कर
दिया जाता है |अब आपकी चप्पल मार्किट में
बिकने के लिए तैयार है
7-चप्पल बनाने के
लिए व्यापार के लिए marketing
और sales/
marketing & sales plan for sleeper-
marketing और sales हर business
की जान होती है अगर आप marketing
और sales
नहीं करेंगे तो स्लीपर business
में प्रॉफिट नहीं कमा पाओगे ,अधिकतर
स्लीपर business
इसलिए ही बंद होते है आप कितनी
भी अच्छी क्वालिटी के स्लीपर बना ले अगर आप उसकी marketing अच्छी नहीं करेंगे तो उसकी सेल नहीं होगी
आपको अपने शहर ,गाँव कसबे में बहुत सारी चप्पल
जूतों की दुकाने होती होती है | आप सप्ताह में 6 दिन मार्किट करिये आप दिन के
हिसाब से मार्किट को बाँट सकते है आप कोशिश करिए 20 से 30 दुकानों पर डेली जायें आर्डर
को लेने के लिए , आप चाहे शहर ,कसबे मैं weekly
मार्किट में अपने स्टाल भी लगा
सकते है
आप अपनी फैक्ट्री पर और शहर में hoardingलगा सकते है
आज का समय सोशल मिडिया का है आप अपनी ब्रांड को लेकर instagram
page , Facebook page ,और whatsapp का प्रयोग कर सकते है |
अगर आप बड़े लेवल पर business कर रहे है और आप शहर में है तो
आप बड़े शौपिंग मॉल में भी सप्लाई दे सकते है और अपनी ब्रांड का advertise
रेडियो ,अखबार ,
और पोस्टर के माध्यम से कर
सकते है
8-चप्पल बनाने के व्यापार में
लाभ / sleeper making business profit-
चप्पल बनाने में प्रॉफिट, लोकेशन और व्यापार के अनुसार change हो
सकता है | आमतोर पर एक स्लीपर बनाने में 30 से 70 रु की लागत आती है चप्पल की कीमत
क्वालिटी और depend करती है| यह स्लीपर बाज़ार में कुल 60 से 100 रु में बिक जाते
है |
यदि आप प्रतिदिन मैन्युअल
मशीन के द्वारा 350 से 500 जोड़ी तैयार कर
सकते हैऔर semi और फुल automatic मशीन से आप 1000 से 2000 जोड़ी स्लीपर
तैयार कर सकते है | तो आप समझ सकते है छोटे स्तर पर 30 से 40 हज़ार और बड़े स्तर पर
80000 से 1 लाख तक कम सकते है |
9-कौन से ऐसी गलतियाँ है जिससे
इस business में घाटा हो सकता
है -
दोस्तों मैं अपने अनुभव के आधार पर बता सकता हूँ |
स्लीपर मेकिंग व्यवसाय करने
वाले अधिकतर व्यापारी कुछ महीनो में ही घाटा की वजह से यह व्यापार बंद कर देते है
व्यापार बंद होने के निम्नलिखित कारण :
1 जब हम इस वयवसाय में नए होते है तो लागत को
कम करने के लिए बेकार क्वालिटी की रबर सीट का प्रयोग करते है |
इस क्वालिटी से बनी स्लीपर
जल्दी ख़राब हो जाती है
2 अधिकतर व्यापारी यह सोचते है की उत्पादन
करने से ही व्यापार सही तरह से चलने लगेगा और वे अपनी marketing
और sales
पर ध्यान नहीं देते है हम ,जब तक हम खुद marketing
नहीं करते इसकी वजह से कम आर्डर
मिलने का व्यवसाय में लाभ नहीं आपाता
3 हम raw material काफी दूर से खरीदते है जिससे
अधिक ट्रांसपोर्ट लागत के कारण raw material की cost
भी बढ़ जाती है ,
और स्लीपर अधिक लागत में तैयार
होती है
4 सही मशीन का चयन न करना कई बार
देखा गया है की जिन जगहों पर मैन पॉवर दिक्कत है , अगर मैन पॉवर ही नहीं होगी
तोमैन्युअल मशीन से प्रोडक्शन कैसे होगा |
5यह भी देखा गया है की कुछ जगह जहाँ पर बिजली की दिक्कत है वहाँ पर
फुल automatic मशीन लगाई हुई है , जब तक आप सही तरह से रिसर्च नहीं करेंगे की आपके
यहाँ कौनसी मशीन उपयुक्त रहेगी किस तरह से स्लीपर की डिमांड
होगी और स्लीपर की marketing और sales कैसे होगी तब तक आप इस व्यवसाय में सफल नहीं
हो सकते
10-किस लाइसेंस की जरुरत होगी ?
यदि
आप व्यापार छोटे पैमाने पर
आरम्भ कर रहे है तो आपको किसी भी लाइसेंस की जरुरत नहीं होगी | यदि आप दुसरे स्टेट
में माल बचते है या दुसरे स्टेट से raw material मंगाते है तो उस समय आपको GST की
जरुरत होगी
आप चाहे भारत सरकार के MSME के अंतर्गत अपने व्यापार को रजिस्टर
करा सकते है , व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए आपको ट्रेड लाइसेंस , फर्म
का करंट बैंक अकाउंट , पैन कार्ड आदि भी तैयार कराने की आवशयकता होती है
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